Jadui Jute Story in Hindi | जादुई जूते की कहानी
दृश्य सूची
सबकी प्यारी लाडो और उसका मददगार व्यवहार
एक छोटे से गाँव में लाडो नाम की एक लड़की रहती थी। वह दिल की सच्ची और मददगार लड़की थी। गांव के लोग भी उसे बहुत प्यार करते थे। वह घर से बाहर चेहरे पर एक बड़ी सी मुस्कान के साथ निकलती थी। गांव में जब भी किसी को कोई मदद चाहिए होती, तो वे हमेशा लाडो को ही पुकारते थे। वह खुशी-खुशी सबकी सहायता करती थी। लाडो किसी जरूरतमंद राहगीर की मदद करने के लिए भी हमेशा तैयार रहती थी।
गांव के लोग लाडो के मददगार व्यवहार से काफी प्रसन्न थे। वे बदले में लाडो की भी मदद करना चाहते थे। लेकिन वह हमेशा अपनी वही इच्छा सामने रख देती जिसे पूरा करना संभव नहीं था। दरअसल बचपन से ही उसके मन में एक इच्छा दबी हुई थी, कि वह सबसे ऊंची पहाड़ी पर जाए। वहां जाकर वह प्रकृति के अद्भुत सौंदर्य का आनंद लेना चाहती थी। उसका दुनिया की विशेष पहाड़ियों को देखने का बहुत मन करता था।
लाडो की मुलाकात – एक राहगीर से
एक दिन, लाडो अपने बगीचे की देखभाल कर रही थी, उसने एक थके और असहाय आदमी को वहां से गुजरते हुए देखा। लाडो बिना कुछ सोचे समझे उस आदमी के पास गई। उसने, उन्हें बैठने के लिए कहा और ठंडा पानी पीने के लिए दिया। लाडो ने पूछा, “आप कहा जा रहे हो अंकल?” आदमी ने बताया, “वह एक ऐसे इंसान की तलाश में निकला था जो बिना सोचे समझे दूसरों की मदद के लिए तत्पर रहे। शायद बेटा वो इंसान मुझे मिल गया।” लाडो ने पूछा, “अंकल कहा है वो इंसान?”
आदमी ने बताया कि मेरी प्यारी बच्ची तुम्ही हो वो इंसान। तुम मुझे जानती भी नही थी, और मेरी मदद करने के लिए दौड़ी चली आई। भला तुमसे नेक इंसान और कौन होगा। इतना कहकर उसने अपने फटे पुराने थैले से एक चमकते हुए जूते निकाले। वे कोई आम जूते नहीं थे, बल्कि जादुई जूते थे। पहली बार लाडो ने इतने चमकते हुए जूते देखे थे। राहगीर बताता है, “लाडो ये जादुई जूते तुम्हे कही भी ले जा सकते है। जैसा तुम इन्हें आदेश करोगी, ये वैसे तुम्हारी बात मानेंगे।” लाडो को उनकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ।
लाडो का अदभुत जूतों के साथ टेस्ट
उसने जादुई जूतों का एक टेस्ट लिया। उसने जूतों को आदेश दिया, कि मुझे बहुत तेजी के साथ ऊपर आसमान में उड़ा दो। जूते लाडो की बात मान उसे पूरी तेजी से भगाने लगे। लाडो खुशी से चीखने-चिल्लाने लगी। उसके सारे बाल हवा में चारों और लहरा रहे थे। वह आसमान में एक रॉकेट की तरह उड़ रही थी। उसके जादुई जूते हॉर्न की तरह आवाजे कर रहे थे। लाडो खुशी से खिलखिला रही थी। लाडो को आसमान में इस तरह उड़ता देख बच्चे खुशी से तालियां बजाते हुए हंस रहे थे।
लाडो ने जादुई जूतों को उसे नीचे उतारने के लिए कहा और वह नीचे उतर आई। उसने राहगीर को धन्यवाद किया और कहा, “मैं आपके दिए हुए जादुई जूते से अब अपनी इच्छा पूरी कर पाऊँगी।” राहगीर ने मुस्कुराते हुए कहा, ” हां हां बिटिया जरूर लेकिन तुम इसी तरह सबकी मदद करना। अगर तुमने ऐसा नहीं किया तो ये जूते तुम्हारे किसी काम के नहीं रहेंगे, जैसे अब ये मेरे किसी काम के नहीं रहे।” लाडो समझ गई कि उसे जादुई जूते का कभी दुरुपयोग नहीं करना।
लाडो की अदभुत यात्रा – दुनिया के शिखर पर
वह अपने जादुई जूतों को पहनकर अपनी यात्रा पर निकल पड़ी। वह प्रकृति के अनेक सुंदर दृश्यों को देखते हुए सबसे ऊंची पहाड़ी पर पहुंच गई। वहां पहुंच कर उसने अलग ही उत्साह और आनंद की लहर अपने अंदर महसूस करी। उसने एक अलग ही दुनिया का अनुभव करा।
उसने वहां एक अलग ही दुनिया देखी जिसकी उसने न पहले कोई चर्चा सुनी थी और न ही कभी कल्पना की थी। लाडो ने वहां पहाड़ों से दोस्ती की। रात को टिमटिमाते हुए जुगनू और तितलियों के साथ नृत्य किया। इस तरह वहां प्रकृति और अन्य जीव भी लाडो की खुशी में शामिल हो गए।
जब लाडो वापस अपने गांव आई, तो उसने सबके साथ पहाड़ों की सुंदरता और विशेषता को साझा करा। उसने अपने जादुई जूतों को उठा कर एक डिब्बे में रख दिया। उसने अपने आप से वादा किया, “वह सिर्फ जादुई जूतों को तभी पहनेगी जब उसे दूसरी दुनिया की सैर करनी होगी। वहां अपने दोस्तों से मिलने जाना होगा। लाडो ने आगे भी दयालुता और विनम्रता का व्यवहार सबके प्रति रखा।
कहानी से शिक्षा
हमें शक्तियों का कभी भी दुरुपयोग नहीं करना चाहिए। हमेशा उन्हें सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए।
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