Jaadui Ghada Story in Hindi
एक सुंदर गांव था जो नदी किनारे बसा हुआ था। उसमें एक गरीब किसान मदन रहता था। वह बहुत मेहनती और साहसी था। उसका एक छोटा सा परिवार था जिसमें उसका बेटा राज और उसकी पत्नी लीला रहते थे। मदन दिन रात खेती करके मेहनत करता था और अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता था कि वह अपने घर के लिए पर्याप्त आहार नहीं जुटा पाता था और बहुत निराश हो जाता था। ऐसे मुश्किल समय में लीला उसे हिम्मत देती और उसका मनोबल बढ़ाती। मदन न दिन देखता है और न ही रात, बस अपने खेतों पर काम करता रहता है।
गर्मी का समय था और एक भरी दोपहर की बात है जब वह खेत में काम कर रहा था। वह अपना आधे से ज्यादा काम खत्म कर चुका था। तभी जुताई करते हुए उसका हल जमीन में अटक जाता है। जैसे ही वह थोड़ा हट कर खुदाई करना शुरू करता है, तो अचानक से एक आवाज़ आती है, “मुझे बाहर निकालो।” मदन डर जाता है और दूर खड़ा हो जाता है। वह अपने चारों ओर नजरें घुमाता है, लेकिन उसे कोई नजर नहीं आता। फिर हल चलना शुरू करता है और दोबारा से आवाज़ आती है, “मदन मुझे बाहर निकालो।” अब वह पहले से ज्यादा डर जाता है और पूछता है, “कौन है?” जमीन से आवाज़ आती है, “मैं जादुई घड़ा। मैं कितने सालों से यहाँ दबा हुआ हूँ, लेकिन अब तुम मुझे बाहर निकाल लो, मैं तुम्हारी सारी परेशानी खत्म कर दूंगा।” इतना सुनकर मदन खुदाई शुरू करता है और घड़े को बाहर निकाल लेता है। उस पर एक अनोखा सा डिजाइन और चमक थी जिसे देखकर वह आकर्षित हो जाता है। मदन उस जादुई घड़े को घर ले आता है और छुपा देता है।
लीला, मदन के लिए खाना परोसती हुई कहती है, “आज आप बहुत देर से घर आए हो।” मदन हड़बड़ाते हुए कहता है, “हाँ, आज काम ज्यादा था, तो समय का पता ही नहीं चला।” फिर वह राज के बारे में पूछता है तो लीला बताती है कि वह तो आपका इंतज़ार करते हुए सो भी गया। मदन, लीला को भी सोने के लिए कहता है। मदन सबके सोने की प्रतीक्षा करने लगता है।
जब सब सो जाते हैं, तो वह उस घड़े को निकालता है और उससे बातें करता है। जादुई घड़ा कहता है, “बताओ मदन, तुम्हें क्या चाहिए?” मदन खाने-पीने की बहुत सारी चीजें मांगता है और देखते ही देखते उसके सामने अलग-अलग तरह के स्वादिष्ट आहार आ जाते हैं। वह ये सब देख कर हैरान हो जाता है और उसे समझ आता है कि ये कोई मामूली घड़ा नहीं है, ये सच में जादुई घड़ा है। मदन घड़े से कहता है कि वह इस बारे में किसी को नहीं बताएँगे। इस तरह मदन, जादूई घड़े से अपनी सारी इच्छाएं पूरी करने लगा और उसकी गरीबी, अमीरी में बदल गई।
ऐसे ही महीने बीत गए। गांव के लोग मदन के बारे में विभिन्न बातें करने लगे और उसके जादुई घड़े की अफवाह फैलने लगी। उसके खेत में फसल अच्छी रहती थी जबकि दूसरे लोगों के खेत में फसल या तो खराब हो जाती थी या पैदावार कम रहती थी।इन सबके चलते गाँव वाले मदन को संदेह और ईर्ष्या की नजरों से देखने लगे। इन सभी बातों का लीला और राज पर गहरा प्रभाव पड़ता है और वो मदन से इस बारे में बात करते हैं। तब मदन उन्हें सारी घटना बताता है और उस जादुई घड़े को दिखाता है। उसे देख कर राज और लीला को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता।फिर राज अपने पिता से और घड़े से कहता है, “हम सब गांव वालों की मदद करेंगे।” इसे सुनकर जादुई घड़ा खुश हो जाता है और मदन भी उसकी इस महानता को देख कर उसे गले से लगा लेता है।
इस तरह वो रोज़ भूखे, गरीब और बीमार लोगों की मदद करने लगे। सभी लोग राज से बहुत खुश रहने लगे। गांव वालों के खेत जो खराब हो गए थे, उनमें हरियाली आने लगी। किसी के घर कभी अनाज की कमी नहीं रहती। सभी के घरों में अनाज के भंडार, सब्जियां, फल भरपूर मात्रा में रहने लगे। इस तरह जादुई घड़ा सबकी मदद करना जारी रखता है। राज की इस समझ और साँझेदारी से उसने अपने साथ-साथ सबका भला किया और पूरा गांव एक समृद्ध गांव बन गया। राज की इस दयालुता ने गांव वालों के मन में जो उसके पिता मदन के प्रति ईर्ष्या थी, उसे भी प्यार में बदल दिया। इस तरह पूरा गांव हंसी-खुशी अपना जीवन बिताने लगा।
कहानी से शिक्षा:
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपने साथ-साथ दूसरों की भी मदद करनी चाहिए।
Nice
👌👌👌
Very nice story
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