Badalta Mausam in Hindi | बदलता मौसम

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By Nanhe Kisse Anek


Badalta Mausam Ki Kahani | बदलते मौसम की कहानी

रोज की दिनचर्या और बदलता मौसम
Mom cleaning courtyard

सुबह का समय था, मम्मी घर का आंगन पानी से धो रही थी। घर की सारी सफाई करने के बाद मम्मी ने छुटकी और टिंकू को भी जगाया। आज तो स्कूल की छुट्टी है मम्मी, ऐसा कहकर दोनों चादर तान कर फिर से सोने लगे। मम्मी ने चादर खींची और दोनों को उठने के लिए कहा। उसके बाद सब नाश्ता करने बैठ गए। नाश्ता करने के बाद टिंकू और छुटकी तो स्कूल का काम करने लगे। मम्मी थोड़ा काम करके आराम करने चली गई। उन्हें अपनी तबियत ठीक नहीं लग रही थी। 

जब वे सोकर उठी तो उन्हें छींक ही छींक आने लगी। छुटकी और टिंकू मम्मी से पूछने लगे, “क्या हुआ मम्मी आप इतना छींक रहे हो।” मम्मी ने कहा, “लगता है जुकाम होने वाला है। मैं सुबह पानी में काम कर रही थी शायद ठंड लग गई। बेटा अक्टूबर महीने के आसपास मौसम बार बार बदलता रहता है।” इतना कहकर मम्मी किचन में चली गई और उन्होंने अपना घरेलू काढ़ा बनाकर पी लिया। 

ठंडी हवाएं, भारी बारिश और अनेकों बीमारियां 
Badalta Mausam

अचानक से शाम के समय बादल गरजने लगे और भारी बारिश होने लगी। मम्मी को बच्चों की चिंता होने लगी। कही इन्हें ठंड न लग जाए। मम्मी छुटकी और टिंकू के पास गई और बोली, “चलो बच्चों मैंने तुम्हारे लिए हल्के गर्म कपड़े निकाल दिए है, उन्हें पहने लो। देखो मैं बता रही थी ना कि मौसम में बदलाव होता रहता है, देखो अचानक से अब ठंडी हवाएं चल रही है और बारिश भी कितनी तेज आ रही है।” टिंकू खुशी से एक दम उठ खड़ा हुआ, “अरे वाह! बारिश, मैं तो नहाऊंगा बारिश में।”

मम्मी ने समझाया, “टिंकू अगर तुम बारिश में गए तो बीमार हो जाओगे। बदलते मौसम में अनेकों बीमारी होती है। जैसे खांसी, ज़ुकाम, बुखार और इस समय तो डेंगू भी बहुत तेजी से फैलता है। इसलिए हमें ऐसे कपड़े पहनें चाहिए, जो हमारे पूरे शरीर को ढक लें।” मम्मी के इतना समझाने पर भी टिंकू को बात समझ नही आई और वो जिद करने लगा। मम्मी प्लीज एक बार भाग के जाऊंगा और आ जाऊंगा। मम्मी ने उसे गुस्से से देखा और कहा, “अगर तुम बाहर बारिश में गए तो पिटाई खाओगे। टिंकू तब तो आराम से बैठ गया और छुटकी मम्मी की बात मान कर कपड़े बदलने चली गई।

टिंकू की चालाकी और बारिश के मजे 

टिंकू ने झांक कर देखा कि मम्मी तो छुटकी के साथ दूसरे कमरे में चली गई। जब तक मम्मी आयेगी तब तक तो मैं भाग कर बारिश के मजे लेकर आ जाऊंगा और टिंकू ने ऐसा ही करा। वह भागकर बारिश में एक चक्कर लगाकर आया और चुपचाप शरीफ बनकर चादर ओढ़ कर सोने की एक्टिंग करने लगा। छुटकी ने मम्मी की सलाह मान कर पूरे कपड़े पहन लिए और वह टिंकू के लिए भी कपड़े ले आई। लेकिन टिंकू को सोता देख उसने चुपचाप कपड़े रख दिए और खुद भी सो गई। अगले दिन जब सुबह टिंकू उठा तो छींकने और खांसने लगा। उसकी आवाज सुनकर छुटकी भी उठ गई। टिंकू ने कहा, “छुटकी मुझे बहुत ठंड लग रही है और देखो मुझे मच्छरों ने भी कई जगह काट खाया।”

छुटकी ने लगाई टिंकू की शिकायत

छुटकी ने कहा, “तुमने मम्मी की बात नहीं मानी ना इसलिए तुम्हारे साथ ऐसा हुआ। देखो वो रखे कुर्सी पर तुम्हारे कपड़े पहन लो उन्हें। अब तुम कैसे स्कूल जाओगे? आज मैडम कितना इंपोर्टेंट चैप्टर पढ़ाने वाली थी।” टिंकू ने कहा, “सही कह रही हो तुम छुटकी, कल रात मैंने मम्मी की कोई बात नहीं मानी, उनके मना करने के बाद भी में बारिश में भीग आया था।” छुटकी ने उसकी तरफ आश्चर्य से देखा और कहा, “टिंकू तुम कितने गंदे बच्चे हो, मम्मी के मना करने के बावजूद तुम बारिश में नहा के आए हो। अभी मम्मी को बताती हूं।” छुटकी ने मम्मी को सारी बातें बता दी। मम्मी जैसे ही टिंकू के पास जाकर खड़ी हुई, उनके बोलने से पहले टिंकू सॉरी बोलकर रोने लगा। मम्मी ने उसे चुप कराते हुए कहा, “देखो छुटकी ने मेरी बात मान ली थी और वो बीमार होने से बच गई। लेकिन तुम बीमार पड़ गए और तुम्हारा शरीर भी हल्का सा गर्म लग रहा है।”

मम्मी का जादुई काढ़ा
Mumy Ka Jadui Kadha

टिंकू को अपनी गलती का अहसास हुआ। उसने कान पकड़ कर फिर से माफी मांगी और कहा कि आज से में आपकी सारी बात मानूंगा। मम्मी ने कहा, “चलो अब मैं तुम्हारे लिए अपना जादुई काढ़ा बनाकर लाती हूं, जिसे पीने के बाद तुम जल्दी ही ठीक हो जाओगे।” मम्मी काढ़ा बनाकर लाई तो टिंकू अजीब-अजीब मुंह बनाने लगा। 

“मम्मी ये तो बहुत कड़वा होगा में नहीं पी सकता इसे।” मम्मी ने टिंकू को समझाया कि अगर ठीक होना है तो पीना ही पड़ेगा। टिंकू ने आंखें बंद करी और एक बार में ही सारा काढ़ा खत्म कर दिया। मम्मी ने टिंकू को शाबाश कहा और बताया इसे पीकर तुम सुबह तक ठीक हो जाओगे। सुबह मम्मी ने टिंकू को चेक किया तो वो ठीक था। मम्मी ने उससे पूछा भी कि बेटा अब तुम्हें कैसा महसूस हो रहा है? टिंकू ने बताया, “मम्मी अब मुझे अच्छा लग रहा है। आपके काढ़े ने तो सच में जादू कर दिया। थैंक्यू मेरी प्यारी मम्मी”। इतना कहकर टिंकू और छुटकी अपने स्कूल चले गए।

कहानी से सीख

हमें हमेशा अपने माता-पिता की बात माननी चाहिए और बदलते मौसम के समय सावधानी बरतनी चाहिए।


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