Lion and Peacock Story in Hindi | शेर और मोर की कहानी
दृश्य सूची
जंगल और वहां के जानवर
एक घना सुंदर जंगल था। जहां प्रकृति की आवाजें गूंजती थी। सभी जीव-जंतु वहां अपनी-अपनी ज़िंदगी जीते थे। विशाल हाथी नदी के किनारे खुश होकर आवाज़ करता और अपनी सूंड में पानी भरकर दूसरे जानवरों का भी मनोरंजन करता था।
बंदर एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूद फांद करते और झूलते थे। पक्षी टहनियों पर मीठे-मीठे गीत गाते जिन्हें सुनकर सब आनंदित हो जाते थे। लेकिन इन सभी में दो खास थे जिनके किस्से आज भी जंगल में सब अपने बच्चों को सुनाते है: शक्तिशाली और घमंडी शेर, और सुंदर व रंग-बिरंगा मोर।
मोर और शेर का परिचय
शेर, जिसे जंगल का राजा कहा जाता था। सभी जानवर शेर की आहट भर से थर-थर कांप उठते थे। उसका विशाल शरीर, सुनहरा फर, और तेज़ पंजे उसे अद्भुत बनाते थे। हर जानवर उसे सम्मान और डर के साथ देखता था, क्योंकि उसकी एक दहाड़ से पूरा जंगल कांप उठता था। वह तेज़ और शक्तिशाली था, हमेशा शिकार की तलाश में रहता था।
दूसरी तरफ़ मोर अपनी सुंदरता और कोमलता के लिए जाना जाता था। उसके लंबे, रंग-बिरंगे और चमकदार पंख सभी को अपनी और आकर्षित करते थे। जब वह पंख फैलाकर नाचता, तब जंगल के सभी जानवर मंत्रमुग्ध हो जाते। मोर जंगल में सबसे सुंदर और आकर्षक पक्षी था। उसकी लचकती चाल से वह कमजोर लगता था, लेकिन उसका तेज व बुद्धिमान दिमाग ही उसकी सबसे बड़ी ताकत था।
शेर ने मोर पर किया हमला
एक दिन की बात है, जब मोर नदी के पास टहल रहा था। वह नदी में अपनी परछाई देखकर इतरा रहा था। उसने अचानक खतरे की आहट महसूस की। उसने झाड़ियों की तरफ़ देखा तो, झाड़ियों के पीछे से दो चमकती आंखें उसकी ओर देख रही थी। शेर उसे टकटकी बांधे हुए ध्यान से देख रहा था। शेर ने यह सोचते हुए अपनी जीभ चाटी, कि मोर को पकड़कर खाने में उसे कितना मज़ा आएगा। शेर आगे की ओर बढ़ा और गरजते हुए बोला, “मोर, आज मैं तुझे अपना शिकार बनाऊंगा।”
मोर डर से कांप गया, लेकिन उसने अपने डर को जाहिर नहीं होने दिया। उसे पता था कि वह शेर जितना ताकतवर नहीं है। उसने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल किया और एक बड़े पेड़ के पीछे छिप गया। शेर उसके पीछे दौड़ा, लेकिन मोर अपनी जान बचाते हुए इधर-उधर भागता रहा।
मोर ने इस तरह बचाई अपनी जान
शेर का गुस्सा शेर को बहुत गुस्सा आ रहा था। मोर घबरा गया लेकिन वह शेर का डट के सामने भी कर रहा था। मोर अच्छी तरह जानता था कि वह हमेशा शेर से अपनी जान नहीं बचा सकता। फिर दूसरी बार जैसे ही शेर ने मोर को अपने पंजों में पकड़ने के लिए छलांग लगाई, मोर एक ऊँची शाखा पर जा बैठा, जहां शेर नहीं पहुंच सकता था। शेर ने गुस्से में दहाड़ते हुए मोर को देखा और कहा, “ तुम इस बार तो बच गए, लेकिन अगली बार में तुम्हारा शिकार करके ही अपनी भूख मिटाऊंगा।” इतना कहकर शेर वहां से चला गया। मोर ने एक लंबी सांस ली और कहा, “आज तो मैंने अपनी जान जैसे तैसे करके बचा ली, लेकिन ये शेर तो बड़े गुस्से में मुझे चेतावनी देकर चला गया।”
शेर को मात देने के लिए बनाई योजना
शाखा पर बैठा मोर गंभीर सोच में पड़ गया। मोर ने कहा कि वह शेर को ताकत से नहीं हरा सकता क्योंकि शेर बहुत शक्तिशाली था। उसे चालाकी से ही हराया जा सकता था। जिस पेड़ पर मोर बैठा था ,उसके थोड़ी ही दूरी पर दो चट्टान थी। उन्हीं को देखते हुए उसने एक योजना बनाई। मोर पेड़ की शाखा से नीचे उतरा और शेर को ललकारने लगा। हे शेर! तुम अपने आप को बहुत शक्तिशाली समझते हो ना, तुम्हें बड़ा घमंड रहता है कि जब चाहो उसे अपना शिकार बना लेते हो। लेकिन जंगल के राजा के लिए यह कितनी शर्म की बात है कि वह एक कमजोर पक्षी को भी नहीं पकड़ पा रहा। शेर गुस्से से लाल पीला हो गया था। मोर ने आगे कहा, “मैं जानता हूं कि तुम मुझे क्यों नहीं पकड़ पा रहे।
शेर गुस्से से दहाड़ने लगा। “मैं जंगल का सबसे शक्तिशाली जानवर हूं। सिर्फ मेरी आहट से ही सारा जंगल डर से कांपता है, राजा हू मैं राजा।” मोर जोर जोर से हंसने लगा और कहा,”तभी तो राजा मुझे पकड़ नहीं पाया।” शेर, अपमानित महसूस करते हुआ गुर्राया, “मैं तुम्हे हराकर साबित कर दूंगा कि मैं कितना शक्तिशाली हूँ!” मोर आत्मविश्वास से भरा हुआ था। उसने शेर को बौखलाने के लिए फिर उसे कहा, “हां तुम ज्यादा ताकतवर हो तभी इतनी कोशिश करने के बाद भी मुझे पकड़ नहीं पाएं, इतना कहकर मोर मुस्कुराने लगा।” उसने आगे कहा, “मैं तुम्हे एक आखिरी मौका देता हूं। मैं खुले मैदान में दौड़ूंगा, अगर तुमने मुझे पकड़ लिया तो तुम मुझे अपना शिकार बना ही लोगे। लेकिन अगर तुम हार गए तो तुम्हे ये मानना पड़ेगा कि तुम इतने शक्तिशाली नहीं हो, और ये जंगल हमेशा के लिए छोड़ के जाना पड़ेगा।
गुस्से से बौखलाया जंगल का राजा
गुस्से से बौखलाए शेर को अपने ऊपर घमंड और हठ था। मोर खुले मैदान में भागने लगा। शेर भी उसके पीछे दौड़ने लगा। जैसा कि मोर ने योजना बनाई थी उसके मुताबिक वह शेर को चट्टानों के सामने ले आया। शेर ने मोर को अपने शिकंजे में लेने के लिए एक लंबी छलांग लगाई, लेकिन मोर तेजी से उड़कर दो चट्टानों के बीच एक संकरे रास्ते से निकल गया, जहां शेर का पहुंचना मुश्किल था। शेर वहां बड़ी जोर से गिर गया, और हांफने लगा। वह समझ गया था कि मोर ने उसे धोखा दिया है।
मोर ने दूर से आवाज़ लगाई, “क्यों जंगल के राजा क्या हुआ? कहां गई तुम्हारी ताकत? मैंने तुम्हें हरा दिया।” अपना दिमाग का सही इस्तेमाल करके मैं जंगल के राजा से जीत गया। तुम राजा हो, सारा जंगल तुमसे डरता है, इसलिए नहीं की तुम राजा हो बल्कि इस वजह से कि तुम उन्हें मार डालेंगे। आज मैंने तुम्हें ताकत से नहीं बल्कि चालाकी से हरा दिया। शर्त के अनुसार अब तुम्हें ये जंगल छोड़ के जाना पड़ेगा।
मोर ने अपनी बुद्धि से हराया शेर को
शेर अपमानित और शर्मिंदा था। वह सर झुकाएँ खड़ा रहा। उसे इस बात का एहसास हुआ कि एक पक्षी ने उसे अपनी बुद्धि से हरा दिया। बिना कुछ कहे, अपनी हार मानकर शेर वहां से चला गया।
शेर के जंगल छोड़ने पर पक्षी मीठे-मीठे गीत गाने लगे। जंगल के सभी जीव जंतु खुशी से झूम उठे। मोर ने भी अपने सुंदर पंख फैलाए और ख़ुशी व गर्व से नाचने लगा। इस प्रकार मोर ने न केवल अपनी जान बचाई, बल्कि शेर को एक अच्छा सब सिखाया, “ कभी कभी जीतने के लिए ताकत से अधिक बुद्धि की जरूरत होती है।”
उस दिन से जंगल के जानवरों के बीच मोर की उस चालक जीत की चर्चा होने लगी। सब अपने बच्चों को होशियार और मजबूत बनाने के लिए शेर और मोर का ये किस्सा सुनाने लगे। एक ऐसी कहानी जिसने साबित किया कि ताकत ही सब कुछ नहीं होती।