Delhi Air Pollution Story in Hindi
दृश्य सूची
होमवर्क करने में अंकित का आलसीपन
यह कहानी है दिल्ली शहर की, जिसमें अंकित नाम का एक लड़का रहता था। वह पांचवी क्लास में पढ़ता था। वह अपना होमवर्क करने में बड़ा आलसी था। होमवर्क को लेकर उसकी मम्मी उसके पीछे लगी रहती थी। लेकिन वो टालमटोल करता और कहता,” अभी थोड़ी देर में कर लूंगा, शाम को कर लूंगा।” बस बहाने लगाता रहता था। मम्मी उसकी इस आदत से बहुत परेशान थी।
मम्मी ऊपर छत पर कपड़े सुखाने गई थी। अंकित भी मम्मी के साथ था। अंकित ने मम्मी से पूछा, “मम्मी हर तरफ ये धुआं-धुआं क्यों हो रहा है?” मम्मी ने बताया, “अंकित ये एयर पॉल्यूशन है। अक्टूबर-नवंबर के महीने में दिल्ली के अंदर एयर पॉल्यूशन बहुत ज्यादा बढ़ जाता है।” अंकित के मन में और बहुत सारे सवाल उठ रहे थे। वह आगे कुछ पूछता इस से पहले मम्मी ने बोल दिया, “चलो अंकित नीचे जाओ और अपने टेस्ट की तैयारी करो।”
अंकित का कल मैथ्स का टेस्ट होना था। मम्मी ने उसे रिविजन के लिए बोला लेकिन वो रोज की तरह बहाने लगाने लगा। मम्मी के गुस्सा करने पर वह रात को पढ़ने के लिए बैठ गया। मम्मी ने थोड़ी देर बाद अंकित को खाने के लिए बुलाया। खाना खाने के बाद मम्मी अंकित के साथ बैठ गई और उससे टेस्ट को लेकर सवाल जवाब करने लगी। तभी मम्मी के पास स्कूल से नोटिफिकेशन आया, “डियर पेरेंट्स आप सभी को सूचित किया जाता है कि, दिल्ली सरकार की एक नई अधिसूचना के अनुसार, दिल्ली में वायु प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के कारण, स्कूल सभी बच्चों के लिए 7 दिन तक बंद रहेंगे।”
अंकित ने पूछा एयर पॉल्यूशन का कारण
मम्मी ने अंकित को बताया, “बेटा अगले 7 दिनों के लिए तुम्हारे स्कूल की छुट्टियां हो गई है।” अंकित ने पूछा, “लेकिन क्यों मम्मी क्या हुआ।” मम्मी ने बताया कि बेटा एयर पॉल्यूशन बहुत ज्यादा बढ़ गया है। अंकित ने मम्मी से फिर सवाल किया, “मम्मी ये इतना ज्यादा एयर पॉल्यूशन क्यों हो रहा है? क्या ये हर जगह हो रहा है?”
मम्मी ने अंकित के सवाल का जवाब देते हो कहा, “अंकित एयर पॉल्यूशन के अलग-अलग कारण होते हैं जैसे, कारखानों और फैक्ट्रियों से निकलने वाला धुआं, कंस्ट्रक्शन, गाड़ियों से निकलने वाला धुआं, ईंधन का जलना आदि।” अंकित मम्मी से बीच में ही पूछने लगा, “मम्मी लेकिन ये सब तो रोज चलता रहता है, फिर अचानक से इतना पॉल्यूशन क्यों हो गया?” मम्मी ने बताया कि इसका मुख्य कारण है पराली का जलना। बेटा यह एयर पॉल्यूशन गंभीर चरण पर सिर्फ दिल्ली में ही होता है हर साल।
पराली क्या होती है और इसे क्यों जलाते है
मम्मी ने बताया, “अक्टूबर-नवंबर में फसल हार्वेस्टर मशीन से काटी ली जाती है। जिसके कारण फसल का सिर्फ ऊपर का हिस्सा ही कट पता है और बाकी का बचा हुआ हिस्सा खेत में ही रह जाता है जिसे पराली कहते है। किसानों को दूसरी फसल के लिए खेत को खाली करना होता है। मशीनों से खाली कराने में उन्हें कुछ लागत और थोड़ा सा समय लगता है। इसलिए वे पराली में आग लगा देते है। आग लगाना उन्हें आसान लगता है। फिर खेत खाली हो जाता है और किसान गेहूं या अन्य किसी फसल की बुआई कर देते है।” जब मशीन नहीं थी तब फसल हसिये की सहायता से पूरी काट ली जाती थी। खेत में पराली बचती ही नही थी।
मम्मी पराली का धुआं दिल्ली में ही क्यों आता है
अंकित ने पूछा, “लेकिन मम्मी इतना प्रदूषण सिर्फ दिल्ली में ही क्यों होता है?” “अंकित दिल्ली लैंडलॉक्ड सिटी है। यह हरियाणा, यूपी से चारों तरफ से घिरा हुआ है। पंजाब भी दूर नहीं है। फसल कटने के बाद जब पराली जलाई जाती है तो पराली का धुआं उड़ता हुआ दिल्ली में आ जाता है। पहले से ही अन्य कारणों से वायु प्रदूषण मौजूद तो होता है ही। इस कारण पॉल्यूशन और अधिक बढ़ जाता है जिससे यहाँ दिन में ही धुंध हो जाती है। लोग साफ सुथरी हवा के लिए तरस जाते है। सर्दियों में हवा ठंडी हो जाती है ज्यादा ऊपर नहीं उठ पाती। हवा की गति कम होने के कारण धूल के कण बह नहीं पाते और हवा में जम जाते है। जिसके कारण एलर्जी, खांसी, जुकाम, नाक और आंख में जलन होने लगती है। बड़ी उम्र के लोगों को दमा जैसी बीमारी की शिकायत हो जाती है। छोटे बच्चों और बड़ी उम्र के लोगों के लिए इस वक्त एयर पॉल्यूशन बहुत हानिकारक बन जाता है।” अंकित मम्मी की बात बहुत गौर से सुन रहा था।
सरकार के कदम पॉल्यूशन को रोकने के लिए
अंकित ने मम्मी से फिर से सवाल किए, “मम्मी ये पॉल्यूशन इतना हानिकारक है तो सरकार उसे रोकती क्यों नहीं?” मम्मी ने बताया, “सरकार द्वारा जगह-जगह पानी का छिड़काव करवाया जाता है। अंकित पराली जलाने वालों के खिलाफ सरकार ने जुर्माना भी निर्धारित किया हुआ है। सुप्रीम कोर्ट से सरकार को फटकार भी लगती है। उसके बावजूद पराली जलाई जाती है। बेटा राजनीति दाव पेंच बहुत खेले जाते हैं, जिन्हें समझने के लिए तुम अभी छोटे हो। दिवाली के आस पास ही पराली काटी जाती है। हर बार सरकार ने सिर्फ बम पटाखों से निकलने वाले धुएं को ही इस पॉल्यूशन का कारण बताया था। लेकिन अभी दिवाली 10 दिन दूर है और पॉल्यूशन का स्तर इतना ज्यादा बढ़ गया है।”
अंकित ने पूछा, “मम्मी क्या हमें बम पटाखे भी कम छुड़ाने चाहिए? क्योंकि धुआं तो उनसे भी निकलता है।” “हां बेटा बिल्कुल सही कहा तुमने और हमें सिर्फ ग्रीन क्रैकर्स ही चलाने चाहिए क्योंकि उनसे पॉल्यूशन बहुत की कम होता है। हमें अपने एनवायरमेंट को क्लीन रखना चाहिए। अगर इतनी पॉल्यूशन होगी तो ये सारी पॉल्यूशन हमारे अंदर चली जायेगी।
फिर अंकित ने कहा, “मम्मी अब तो मेरा मैथ्स का टेस्ट भी कैंसिल हो गया।” मम्मी ने बताया, “नहीं टेस्ट तो तुम्हें देना पड़ेगा। स्कूल से नोटिफिकेशन आए थे एक छुट्टी का दूसरा ऑनलाइन क्लास का। पढ़ाई का नुकसान न हो इसलिए स्कूल ने ऑनलाइन क्लास कंडक्ट कराई है।” अंकित ने कहा, “ठीक है मम्मी मुझे तो सब आता है क्योंकि मैंने टेस्ट की तैयारी कर ली है।
कहानी से शिक्षा
इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें अपने पर्यावरण को साफ सुथरा रखना चाहिए और प्रदूषण से बचाना चाहिए।