Choti Chor Ki Kahani | चोटी चोर की कहानी | Choti Chor Story In Hindi

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By Nanhe Kisse Anek


Choti Chor Ki Kahani

एक सुंदर और आपसी भाईचारे वाला गांव

यह कहानी एक छोटे से गांव की है, जिसमे सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते थे। गांव में कोई भी विपदा आती थी, तो सभी एकजुट होकर उसका समाधान करते थे। यह गांव शांति और एकता का प्रतीक था। शाम होते ही सभी बच्चे मिलकर एक साथ खेलने निकल जाते थे। गांव की औरतें भी आपस में एक दूसरे का आदर-सम्मान करती, और प्यार से रहती थी। 

महिलाओं की आपसी बातचीत और सनसनी खबरwomen washing clothes

एक समय की बात है जब दो औरतें नहर पर कपड़े धोने गई। तभी वहां कोई दूसरी औरत भी कपड़े धोने आई। उन्होंने आपस में एक दूसरे का हाल चाल पूछा और इधर-उधर की बातें करने लगी। दूसरी औरत ने दोनों औरतों को बताया, “जीजी क्या तुमने सुना? पास वाले गांव में औरतों और लड़कियों की रात को सोते समय कोई चोटी काट कर ले गया।” वे दोनों औरतें बोली, “तुम्हे हम पागल दिखते है क्या? जो दिन के समय हमें डराने की कोशिश कर रही हो, हम नहीं डरने वाले।” इतना कहकर दोनों औरतें अपने घर चली गई। 

चोटी चोर की अफवाह और लोगों में डर

अगले ही दिन सुबह गांव में अफवाह फैल गई, कि रात को किसी ने एक औरत की चोटी काट ली। बताया गया कि उसे एक धीमी सी चमक लगी और अजीब दुर्गंध आई और उसके बाद वो बेहोश हो गई। जब सुबह उठी तो उसके बाल कटे हुए थे। यह खबर सुनने के बाद गांव की सभी औरतें डर गई। सभी ने अकेले घर से बाहर निकलना बंद कर दिया। शाम होते ही कोई भी अपने बच्चों को बाहर अकेले नहीं खेलने देता था, खासकर अपनी लड़कियों को।

 गांव के लोगों को लगा कि उनके गांव पर किसी बुरी आत्मा का साया पड़ गया। सबने मिलकर एक पंचायत बैठाई। अपनी सूझबूझ और समझ से सब एक निर्णय पर पहुंचे, कि वो गांव में एक हवन पूजा करेंगे, अगर कोई बुरी शक्ति होगी, तो  दूर भाग जाएगी। गांव के सभी लोगो ने मिलकर पूजा करी। रात चोटी चोर फिर से आया और एक लड़की की चोटी काट ले गया। सुबह फिर से गांव में हाहाकार मच गई। गांव की औरतें अब और ज्यादा डर गई। अब वे दिन में भी कहीं अकेली नहीं जाती थी। Choti Chor Ki Kahaniकुछ औरतों ने तो डर के कारण अपने और अपनी बेटियों के बाल खुद ही काट कर छोटे कर दिए। 

लोगों में अंधविश्वास और तांत्रिक का आगमन

गांव वालो ने अब की बार किसी तांत्रिक को बुलाया। तांत्रिक ने गांव के लोगों को आश्वासन दिया की आज रात वह उस बुरी आत्मा को पकड़ लेगा लेकिन उसके लिए उसे अपनी फीस चाहिए। उसके पास लोगों से पैसे ठगने का अच्छा मौका था। गांव वाले उसकी बात से राजी हो गए। रात होते ही तांत्रिक ने पहरा देना शुरू करा। तांत्रिक ने खुद से बात करते हुए कहा, “हा हा कितने मूर्ख लोग है!” इतना कहकर वह थोड़ी देर बाद मजे से सो गया। चोटी चोर फिर आया और बाल काट ले गया। सुबह फिर गांव वालो में बात फैली की फिर से एक औरत के बाल कट गए। सभी गांव वालो ने तांत्रिक से पूछा, “आप तो कह रहे थे की उस बुरी आत्मा को आप पकड़ लेंगे।” हालांकि वह सो गया था फिर भी उसने लोगों को मुर्ख बनाया और कहा, “वह बहुत ताकतवर आत्मा है उसके लिए बहुत बड़ी मंत्र सिद्धि करनी पड़ेगी जिसमें बहुत खर्च होगा।” गांव वालो ने मिलकर उसकी फीस के लिए पैसे इकट्ठे किए। तांत्रिक गांव के लोगों के डर का फायदा उठाते हुए उनसे पैसे लूटने लगा। 

इतना करने के बाद भी बाल कटने बंद नहीं हुए तो गांव वालों को समझ में आ गया कि वह तांत्रिक उन्हें सिर्फ मूर्ख बना रहा था, पैसे लूटने के लिए। उन्होंने उस ढोंगी को अपने गांव से बाहर निकाल दिया। फिर सभी गांव वालो ने मिलकर फैसला किया कि वो खुद ही इस समस्या से निपटेंगे। बारी बारी गांव के नौजवान पहरा देंगे। 

एकजुट होकर चोटी चोर को पकड़ने का निर्णय 

उस रात गांव के पांच लोगो ने पहरा दिया। सभी चौकन्ने थे। सबके मन में यही सवाल था कि आखिर चोटी कौन काट रहा है! जब आधी रात हुई तो चोटी चोर गांव में रोज की तरह घुस गया। जैसे ही वह एक महिला के घर घुसा तो एक हल्की सी चमक एक आदमी को दिखाई दी। यह वही धीमी रोशनी थी जिस से कोई रसायन निकलता था और सब बेहोश हो जाते थे। एक बहादुर आदमी उस चमक को देखकर, दबे पैरो से वहां पहुंच गया। उसने उस चोटी चोर को धर दबोचा और जोर से हल्ला मचा दिया, “चोटी चोर, चोटी चोर पकड़ लिया।” सब लोग इकट्ठा हो गए, उसकी थोड़ी पिटाई भी की और उसे पुलिस के हवाले करने की धमकी दी।

चोटी चोर ने रोते हुए कहा, “मुझे माफ कर दो पुलिस को मत बुलाओ। मैं अब किसी के बाल नहीं काटूंगा। मुझे माफ कर दो।” गांव के एक बड़े आदमी ने पूछा, “तुमने ऐसा गलत काम किया ही क्यों। तुम्हारी वजह से गांव में इतनी दहशत फैली हुई थी। हमारी रातों की नींद उड़ गई थी। महिलाएं अपने आप को इतना असुरक्षित महसूस कर रही थी। आखिर तुम औरतों के बाल क्यों काटते थे?” चोर ने बताया, “मुझे पैसों की सख्त जरूरत थी। मेरा बेटा बहुत बीमार है। उसके इलाज के लिए मुझे पैसे चाहिए थे। इसलिए में बालों को काटकर बाजार में बेच देता था।” Choti Chor

गांव वालों ने उसकी बातें सुनने के बाद उसे सुधरने का एक मौका दिया और उसके बेटे के इलाज में भी मदद करी। गांव के लोग इतने सज्जन इंसान थे कि वो चोटी चोर के बेटे से मिलकर भी आए। गांव वालो की दयालुता देख चोटी चोर ने भी वादा किया कि वह अब कभी चोरी नहीं करेगा। हमेशा मेहनत से पैसे कमाएगा। 

कहानी से सीख

इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है, “हमें मजबूरी में कभी कोई गलत काम नहीं करना चाहिए और ना ही अंधविश्वास करना चाहिए। एकता और समझ से काम करना चाहिए और बुरे वक्त में दूसरे की मदद करनी चाहिए।


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